आज के समय में हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या बन चुका है, जिसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग इसके शुरुआती संकेतों को पहचान नहीं पाते, और जब तक हार्ट अटैक आता है, तब तक इसे रोकने का मौका नहीं मिलता। लेकिन अगर आप अपने पैरों पर गौर करेंगे, तो कुछ विशेष संकेत दिख सकते हैं, जो भविष्य में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकते हैं। ब्रिटेन के डॉक्टर बाबेक अशरफी ने इस विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पैरों में स्किन का ज्यादा चमकदार और चिकना दिखना, और बालों का गायब होना हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
डॉ. बाबेक अशरफी के अनुसार, जब शरीर में खून का प्रवाह (ब्लड सर्कुलेशन) कमजोर हो जाता है, तो इसका असर पैरों की स्किन पर साफ दिखता है। ऐसे में पैर की स्किन असामान्य रूप से चमकदार और चिकनी हो जाती है। इसके अलावा, स्किन पर बाल भी कम हो सकते हैं या पूरी तरह गायब हो सकते हैं। यह स्थिति खून की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमने और ब्लड वैसल्स के पतले हो जाने के कारण होती है।
1. स्किन का चमकदार और चिकना होना
पैरों की स्किन अचानक बहुत चिकनी और चमकदार हो जाए, तो यह चिंता का विषय है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कमजोर ब्लड सर्कुलेशन के कारण स्किन तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते।
2. बालों का गायब होना
पैरों पर बालों की कमी भी ब्लड सर्कुलेशन में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। जब खून की आपूर्ति प्रभावित होती है, तो बालों को पोषण नहीं मिल पाता और वे झड़ने लगते हैं।
3. स्किन का पतला और टाइट होना
पैरों की स्किन पतली और बहुत टाइट हो सकती है। यह भी ब्लड सर्कुलेशन की समस्या के कारण होता है।
ब्लड सर्कुलेशन कमजोर होने के कारण
हार्ट अटैक के खतरे का सबसे बड़ा कारण है ब्लड सर्कुलेशन का कमजोर होना। जब धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है, तो ब्लड वैसल्स में खून का बहाव धीमा हो जाता है। यह स्थिति न केवल हार्ट अटैक बल्कि स्ट्रोक का भी कारण बन सकती है।
1. कोलेस्ट्रॉल का जमना
धमनियों में प्लैक (कोलेस्ट्रॉल और अन्य फैट का मिश्रण) जमा होने से खून का प्रवाह रुकावट में आ जाता है। यह सबसे आम कारण है, जो दिल की बीमारियों को जन्म देता है।
2. ऑक्सीजन की कमी
ब्लड सर्कुलेशन कमजोर होने से शरीर के निचले हिस्सों, खासकर पैरों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इससे स्किन सेल्स कमजोर हो जाते हैं और उनका सामान्य विकास रुक जाता है।
3. डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती हैं। इन बीमारियों के कारण भी स्किन की हालत बदल सकती है, और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
डॉक्टर बाबेक अशरफी ने कहा कि हालांकि यह कंडीशन तुरंत जानलेवा नहीं है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। जब ब्लड सर्कुलेशन खराब होता है, तो यह धीरे-धीरे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं की ओर ले जाता है।
कैसे बढ़ता है खतरा?
– जब धमनियों में प्लैक जमा होता है, तो दिल तक खून और ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है।
– कमजोर ब्लड सर्कुलेशन से हार्ट अटैक के अलावा पैरालिसिस का खतरा भी बढ़ सकता है।
प्रारंभिक जांच का महत्व
पैरों में दिखने वाले संकेतों को पहचानकर डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है। नियमित हेल्थ चेकअप और ब्लड टेस्ट से इन बीमारियों को समय रहते पकड़ा जा सकता है।
अन्य कारणों से भी हो सकता है असर
पैरों की स्किन में बदलाव केवल हार्ट अटैक का संकेत नहीं है। कुछ अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण भी स्किन में यह बदलाव आ सकता है।
– डायबिटीज: डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में ब्लड सर्कुलेशन कमजोर हो सकता है, जिससे पैरों की स्किन चमकदार हो जाती है।
– हाई ब्लड प्रेशर: ज्यादा ब्लड प्रेशर भी धमनियों पर दबाव डालता है और स्किन की हालत को बदल सकता है।
– स्किन डिजीज: कभी-कभी यह समस्या किसी स्किन डिजीज या एलर्जी के कारण भी हो सकती है।
क्या करें?
अगर आपके पैरों में अचानक कोई असामान्य बदलाव दिखे, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सही कारण जानें। डॉक्टर करण राज ने भी इस बात पर जोर दिया है कि शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है।
1. हेल्थ चेकअप कराएं
– ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।
– ईसीजी और अन्य हार्ट रिलेटेड टेस्ट भी जरूरी हैं।
2. लाइफस्टाइल में बदलाव करें
– डाइट: कोलेस्ट्रॉल और फैट की मात्रा को नियंत्रित करें।
– एक्सरसाइज: नियमित व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
– स्मोकिंग और अल्कोहल से बचें।
3. संकेतों को नजरअंदाज न करें
अगर पैरों में स्किन चमकदार, चिकनी या बालों के बिना दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या से बचाव के लिए शुरुआती संकेतों को पहचानना और सही समय पर कदम उठाना बेहद जरूरी है। पैरों की स्किन में बदलाव जैसे मामूली दिखने वाले लक्षण, भविष्य में हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। इसलिए इन्हें नजरअंदाज न करें और नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराएं। याद रखें, जागरूकता और समय पर इलाज से बड़ी से बड़ी बीमारियों को टाला जा सकता है।