नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज ‘IC 814’ इन दिनों चर्चा और विवादों का केंद्र बनी हुई है। डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की इस वेब सीरीज को जहां एक तरफ दर्शकों से सराहना मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ यह कई विवादों में घिर गई है। विवाद इस हद तक बढ़ गया है कि भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को दिल्ली में समन किया है।

विवाद का कारण

इस सीरीज के खिलाफ उठ रहे विवादों में सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि इसमें दिखाए गए आतंकवादियों के असली नामों को बदलकर कोड नेम का इस्तेमाल किया गया है। शो में हाईजैकर्स अपने असली नामों की बजाय ‘बर्गर’, ‘चीफ’, ‘शंकर’, और ‘भोला’ जैसे कोड नेम का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसको लेकर लोगों ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। कई लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं कि सीरीज में आतंकवादियों की मुस्लिम पहचान को छिपाने की कोशिश की गई है। इसको लेकर #BoycottNetflix और #BoycottBollywood जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं।

वास्तविक घटना पर आधारित

‘IC 814’ वेब सीरीज 24 दिसंबर 1999 को हुई एक वास्तविक घटना पर आधारित है। इस दिन इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट IC 814 को पांच आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था। यह फ्लाइट काठमांडू, नेपाल से नई दिल्ली के लिए उड़ान भर रही थी, लेकिन आतंकवादियों ने इसे जबरन अमृतसर, लाहौर, और दुबई होते हुए अफगानिस्तान के कांधार ले गए। इस दौरान यात्रियों को बंधक बनाकर भारत सरकार से तीन खतरनाक आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की गई थी। इन आतंकियों में मौलाना मसूद अजहर, उमर सईद शेख, और मुश्ताक अहमद जरगर शामिल थे, जो बाद में भारत में कई आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार पाए गए।

केंद्रीय मंत्रालय का हस्तक्षेप

वेब सीरीज के प्रसारण के बाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट हेड को समन जारी किया है। मंत्रालय ने उनसे सीरीज में दर्शाए गए कथित विवादास्पद पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। मंत्रालय का मानना है कि सीरीज के कंटेंट में आतंकवादियों की पहचान को छिपाने के प्रयास के कारण यह मुद्दा संवेदनशील हो गया है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि ‘IC 814’ के हाईजैकर्स असली में खतरनाक आतंकवादी थे, जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए कोड नेम का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने उनके नॉन-मुस्लिम नामों का उपयोग कर उनके आपराधिक इरादों को वैधता देने की कोशिश की है। अमित मालवीय ने कहा कि इससे दशकों बाद लोग सोच सकते हैं कि हिंदुओं ने ही IC-814 का हाईजैक किया था।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस विवाद पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि जो लोग ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्मों को सत्य मानते हैं, वे अब ‘IC 814’ के दिखाए गए तथ्यों को लेकर नाराज हो रहे हैं। उमर ने यह भी कहा कि अब अचानक से उन्हें स्क्रिप्ट में एक्यूरेसी और बारीकी चाहिए।

कंगना रनौत की प्रतिक्रिया

इस विवाद में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत भी शामिल हो गई हैं। उनकी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को सेंसर बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट वापस लेने के कारण अटकना पड़ा। इस बात से नाराज कंगना ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की आजादी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बिना सेंसरशिप के हिंसा और न्यूडिटी दिखाई जा सकती है, लेकिन राष्ट्रवादी फिल्मों के लिए सख्त सेंसरशिप है। उन्होंने कहा कि ऐसे कंटेंट को प्रमोट किया जा रहा है जो देश की एकता और अखंडता को कमजोर करता है।

कंगना ने आगे कहा कि यह सेंसरशिप केवल उन लोगों के लिए है जो देश के हित में काम करना चाहते हैं। उन्होंने इसे बेहद निराशाजनक और अन्यायपूर्ण बताया। वेब सीरीज ‘IC 814’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है, जिसमें सूचना प्रसारण मंत्रालय का हस्तक्षेप और सोशल मीडिया पर भड़का आक्रोश प्रमुख मुद्दे हैं। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इस विवाद का सीरीज और इसके निर्माताओं पर क्या असर पड़ेगा, और सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाएगी।

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