लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर झूठ बोलकर लोगों को अपनी रैलियों में इकट्ठा करने का आरोप लगाया है। अखिलेश ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि भाजपा के कार्यकर्ता सपा की रैली में ले जाने का झांसा देकर लोगों को अपनी रैलियों में ले जा रहे हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की हार का संकेत बताया है।
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा…
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “भाजपा के झूठ की हद देखिए कि भोली-भाली जनता को यह कहकर भाजपा वालों की रैली में ले जाया जा रहा है कि सपा की रैली में जाना है। इसका मतलब साफ है कि जनता भाजपा के साथ नहीं है।” अखिलेश ने आगे कहा कि जनता का यह गुस्सा दिखा रहा है कि छठे और सातवें चरण में भाजपा कितनी बुरी तरह हारने जा रही है और ‘इंडिया गठबंधन’ की सरकार आने वाली है।
अखिलेश द्वारा शेयर किए गए वीडियो
अखिलेश यादव द्वारा शेयर किए गए वीडियो में एक व्यक्ति लाल रंग का साफा बांधे हुए दिखाई दे रहा है, जिसमें सपा का चुनाव चिन्ह साइकिल भी नजर आ रहा है। जब उससे पूछा गया कि क्या उसे अखिलेश यादव की रैली में ले जाने का आदेश मिला था, तो उसने जवाब दिया, “समूह अध्यक्ष बोले कि अखिलेश की रैली में चलना है लेकिन अब पता चल रहा है कि अमित शाह की रैली में जा रहे हैं।” इस जवाब ने स्पष्ट किया कि उसे और अन्य लोगों को झूठ बोलकर भाजपा की रैली में लाया गया था। जब उससे पूछा गया कि क्या उसे पहले से बताया गया था कि कहां जाना है, तो उसने कहा, “उन्होंने तो बताया था कि अखिलेश यादव की रैली में जाना है, तभी तो हम सब तैयार होकर गए हैं, नहीं तो नहीं जाते। कोई भी नहीं जाता।” इस घटना ने भाजपा के विरोधियों को आलोचना का एक और मौका दे दिया है।
अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधा
अखिलेश यादव ने इस वीडियो के माध्यम से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा की यह रणनीति साफ तौर पर दिखाती है कि वे चुनाव में हार के डर से इस प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। जनता को झूठ बोलकर रैलियों में इकट्ठा करना उनकी कमजोरी को दर्शाता है।” अखिलेश यादव ने आगे कहा कि इस प्रकार की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि भाजपा को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है और वे हार के डर से ऐसे प्रयास कर रहे हैं।
छठे चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर होगी वोटिंग
लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर 25 मई को वोटिंग होनी है और सातवें चरण में 13 सीटों पर 1 जून को वोटिंग होगी। इसके बाद 4 जून को वोटों की गिनती की जाएगी। ऐसे में सभी की नजरें 4 जून पर टिकी हुई हैं और लोग नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
जनता को झूठ बोलकर रैली में ले जाने का आरोप
अखिलेश यादव की यह बयानबाजी और वीडियो शेयर करने की घटना राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर रही है। इससे पहले भी चुनावों में कई बार नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं, लेकिन इस बार का मामला अलग है क्योंकि इसमें जनता को झूठ बोलकर रैली में ले जाने का आरोप है।
अखिलेश यादव के समर्थन में लोग
इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी है और कई लोग अखिलेश यादव के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं। कुछ लोग भाजपा की इस रणनीति की आलोचना कर रहे हैं और इसे लोकतंत्र के खिलाफ बता रहे हैं। वहीं, भाजपा समर्थक इसे एक चुनावी चाल बताते हुए खारिज कर रहे हैं और इसे विपक्ष की साजिश कह रहे हैं।
घटनाक्रम का आगामी नतीजों पर असर
कुल मिलाकर, लोकसभा चुनाव 2024 के इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गर्मी को और बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि आगामी वोटिंग और नतीजों पर इसका क्या असर पड़ता है। राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में हैं और जनता के दिलों में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जनता की प्रतिक्रिया और वोट ही तय करेंगे कि किसकी रणनीति कामयाब होती है और कौन सा दल सत्ता की कुर्सी पर काबिज होता है।