स्वाति मालीवाल केस में गिरफ्तार बिभव कुमार की जमानत याचिका पर आज सुनवाई हो रही है. बिभव कुमार अरविंद केजरीवाल करीबी और उनके पीए हैं. बिभव की जमानत अर्जी पर दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में रूम नंबर 119 में सोमवार को सुनवाई जारी है|
बिभव कुमार ने पूछे तीखे सवाल
इस दौरान स्वाति मालीवाल भी कोर्ट रूम में मौजूद हैं. आपको सीएम आवास पर किसने बुलाया, आपको यह छूट कैसे मिली? स्वाति मालीवाल के सामने ही बिभव कुमार ने भरी अदालत में कई सवाल दागे. सीएम आवास में स्वाति मालीवाल की एंट्री को बिभव कुमार के वकील हरी हरन ने अतिक्रमण बताया है. उन्होंने एफआईआर में आईपीसी की धारा 308 पर भी सवाल उठाया. जब कोर्ट रूम में सीएम आवास का वीडियो जज साहब को दिखाया गया, तब स्वाति मालीवाल रोने लगीं. तो चलिए जानते हैं भरी अदालत में बिभव की जमानत अर्जी पर आज क्या-क्या हुआ?
 
बिभव कुमार के वीडियो पर स्वाति मालिवाल लगी रोने
जिस समय कोर्ट रूम में स्वाति मालीवाल के मुख्यमंत्री आवास से निकलने का वीडियो जज साहब को दिखाया गया और एफआईआर के बारे में बिभव के वकील जज को बता रहे थे, उस समय स्वाति मालीवाल कोर्ट रूम में रोने लगीं.
बिभव के वकील हरी हरन: पुलिस ने सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा बनाई गई रिपोर्ट की अनदेखी क्यों की? यह किस तरह की जांच है. वह परेशानी पैदा करने के लिए पहले से ही सोची-समझी मंशा से आई थीं. वह अक्सर यहां आती रही हैं, इसलिए उन्हें अतिक्रमण का अधिकार है? वह बिभव को इसलिए बुला रही थीं, ताकि वह समय रहते सीएम से मिल सके. स्वाति के अंदर घुसने पर बिभव ने सुरक्षाकर्मियों से पूछा कि किसके निर्देश पर स्वाति को अंदर जाने दिया गया? उन्हें (बिभव) पूछना ही होगा क्योंकि वे सीएम की सुरक्षा के लिए भी जवाबदेह हैं. इसके बाद सुरक्षाकर्मी अंदर गए और पूरे सम्मान के साथ उन्हें बाहर निकाला गया. तो आखिर यह घटना कहां हुई? वह सामान्य तरीके से वहां से बाहर जा रही थीं. कोई झिझक नहीं दिखी. पहली नजर में बिभव कुमार वहां मौजूद ही नहीं थे. इसके बाद वे करीब 9:20 बजे आए, वह भी स्वाति मालीवाल के बार-बार कहने पर. उन्होंने उसी दिन कोई शिकायत नहीं की. 3 दिन बाद की. वे डीसीडब्ल्यू प्रमुख थीं, उन्हें अपने अधिकारों का पूरा ज्ञान था. अगर उनके अधिकारों का हनन हुआ था, तो उन्हें तुरंत शिकायत करनी चाहिए थी. 3 दिन की देरी क्यों हुई. यह बहुत सोच-विचार के बाद किया गया|

विभव कुमार की ओर से स्वाति मालीवाल पर लगी धारा आइपीसी 308

 

बिभव कुमार की ओर से पेश हुए वकील हरी हरन ने कहा कि इस एफआईआर में धारा 308 आईपीसी लगाई गई है, जिस पर सत्र न्यायालय में सुनवाई हो सकती है. आइए एफआईआर देखें और देखें कि क्या ये धाराएं लागू भी होती हैं? धारा 308 आईपीसी, क्या इसे भी ऐसे ही रखा गया है?
बिभव के वकील ने कहा कि स्वाति मालीवाल ने यह नहीं कहा कि वह सीएम के बुलाने पर परिसर में आई थीं. वह आवास में घुस गईं, यह अतिक्रमण के बराबर है. क्या कोई इस तरह से आवास में घुस सकता है? हमने उनके (मालीवाल) खिलाफ अतिक्रमण की शिकायत भी की है. यह सीएम का घर है, क्या कोई इस तरह से आ सकता है?
बिभव कुमार और उनके वकील हरी हरन के तीखे सवाल
बिभव के वकील हरी हरन: उन्हें (स्वाति मालीवाल को) सुरक्षाकर्मियों ने रोका. उन्होंने उनसे पूछा कि क्या वे एक सांसद को इंतजार करवाएंगे. वह प्रतीक्षा कक्ष में बैठीं और सुरक्षाकर्मियों से बिभव कुमार से बात करने को कहा. वह उसे क्यों बुला रही थीं? उन्होंने उन्हें शुरू में ही बुलाया था! वह कहती हैं कि वह संपर्क नहीं कर पाईं, फिर उन्होंने एक व्हाट्सएप संदेश भेजा. वह यह नहीं बतातीं कि क्या वह सीएम के बुलाने पर गई थीं?
हरी हरन: स्वाति मालीवाल ने जो किया वह अतिक्रमण के बराबर है. क्या कोई इस तरह कहीं घुस सकता है? यह सीएम का आवास है. जब उन्होंने प्रवेश करने की कोशिश की तो उन पर आपत्ति की गई, जिसे उन्होंने अनदेखा कर दिया. एक सूचना थी कि अपॉइंटमेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया और उन्होंने क्या किया? वह जबरन अंदर घुस गईं. सांसद बनने से आपको अपनी मर्जी से कुछ भी करने का लाइसेंस मिल जाता है? उनकी तरफ से उकसावे की कार्रवाई की गई कि क्या आप एक सांसद को बाहर इंतजार करवाएंगे? उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि आप बिभव से बात करो. उन्होंने एक खाली बयान दिया कि उन्हें सिर्फ प्रवेश पाने के लिए बुलाया गया था.
बिभव कुमार की जमानत याचिका को अदालत ने माना था’निरर्थक’ 
बता दें कि आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल संग मारपीट मामले में गिरफ्तार बिभव ने जमानत याचिका दायर की है. अदालत ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को जब वह मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर गई थीं, तो केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की थी. बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह पुलिस हिरासत में हैं. पिछले शनिवार को दायर की गई उनकी अग्रिम जमानत याचिका को अदालत ने ‘निरर्थक’ माना था
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