उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, जिसे लेकर असामाजिक तत्वों ने विरोध करते हुए पथराव और आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर तुरंत संज्ञान लेते हुए डीजीपी और जिला प्रशासन को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पथराव और आगजनी की घटनाएं
रविवार को जामा मस्जिद पर सर्वे के दौरान नाराज भीड़ ने पुलिस और सर्वे टीम पर पथराव कर दिया। इस दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पथराव में 20 से अधिक पुलिसकर्मी और कई स्थानीय लोग घायल हो गए। हिंसा के दौरान कुछ सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। जिला प्रशासन और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी को निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार में न्यायालय के आदेश का पालन हर हाल में सुनिश्चित होगा। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “पथराव करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।” एसपी कृष्ण कुमार ने हिंसा में शामिल युवाओं को समझाते हुए कहा, “नेताओं के बहकावे में आकर अपना भविष्य खराब न करें।”
सर्वे के दौरान हुए विवाद की वजह
जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश कोर्ट ने दिया था। सर्वे का उद्देश्य विवादित मुद्दों पर तथ्यों को स्पष्ट करना था। हालांकि, मस्जिद पर सर्वे को लेकर कुछ लोगों ने इसे धार्मिक भावना से जोड़ते हुए इसका विरोध किया। विरोध के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस और सर्वे टीम को वापस लौटना पड़ा।
शांति बनाए रखने की अपील
संभल हिंसा को लेकर प्रदेश के नेताओं और धर्मगुरुओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
– मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने मुस्लिम समुदाय से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा, “इस्लाम शांति और संयम का संदेश देता है। किसी भी मुद्दे का हल हिंसा से नहीं निकलता। इसे कानूनी तरीके से हल किया जाना चाहिए।”
– भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “यह मुगलिया सल्तनत का दौर नहीं है। न्यायालय के आदेश का पालन हर किसी को करना होगा।”
– सरकारी मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “अराजकता और न्यायालय की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
हिंसा की घटना के बाद विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने भी प्रतिक्रिया दी। विपक्ष ने सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया, जबकि अन्य संगठनों ने इस मुद्दे को कानूनी तरीके से हल करने पर जोर दिया।
अब तक क्या हुई कार्रवाई?
– छह आरोपियों की गिरफ्तारी: पुलिस ने हिंसा में शामिल छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
– स्थिति नियंत्रण में: संभल जिले में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
– जांच जारी: पुलिस और जिला प्रशासन पथराव और हिंसा की हर घटना की जांच कर रहे हैं।
घटना का असर
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ताबड़तोड़ निर्देशों के बाद प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की है। पुलिस ने कहा है कि हिंसा में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
वर्तमान स्थिति
संभल में फिलहाल शांति है। जामा मस्जिद का सर्वे पूरा हो चुका है, और टीम को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए हैं और इलाके में हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। संभल में जामा मस्जिद को लेकर हुआ विवाद और हिंसा उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से त्वरित कार्रवाई की, वह सरकार की सख्त नीति को दर्शाता है। हालांकि, ऐसे संवेदनशील मामलों में प्रशासन की सतर्कता और संवाद स्थापित करना भी उतना ही जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।