भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल की है। हालांकि, राजनीतिक दल ने कुछ महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में सीटें खो दीं, जिसमें उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट भी शामिल है। इस स्थिति के बीच, बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने एक क्रिप्टिक नोट लिखा है।



अनुपम खेर का संदेश

अनुपम खेर ने नोट में लिखा, “कभी-कभी मैं सोचता हूं कि ईमानदार व्यक्ति को बहुत ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए। जंगल में सीधे तने वाले पेड़ ही सबसे पहले काटे जाते हैं। बहुत ज्यादा ईमानदार व्यक्ति को सबसे ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं। पर फिर भी वह अपनी ईमानदारी नहीं छोड़ता। इसलिए करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनता है। जय हो।”
यह पोस्ट खेर ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसने उनके फैंस और अनुयायियों के बीच चर्चाओं को जन्म दिया। इस पोस्ट पर फैंस ने कमेंट करते हुए उत्तर प्रदेश में भाजपा के परिणाम पर अपने विचार साझा किए और नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन दिया।

फैजाबाद सीट पर भाजपा की हार

उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट, जहां प्रसिद्ध राम मंदिर स्थित है, भाजपा के लिए महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है। लेकिन इस बार भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा। यह हार कई के लिए चौंकाने वाली थी, विशेषकर क्योंकि राम मंदिर मुद्दा लंबे समय से भाजपा के मुख्य एजेंडे में रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया

जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और उनके समर्थन के लिए जनता का आभार जताया। उन्होंने अपनी पार्टी की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “लोगों ने लगातार तीसरी बार एनडीए पर अपना भरोसा जताया है। यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। मैं इस स्नेह के लिए जनता जनार्दन को नमन करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि हम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पिछले दशक में किए गए अच्छे काम को जारी रखेंगे। मैं अपने सभी कार्यकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत के लिए भी सलाम करता हूं। उनके असाधारण प्रयासों को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”



भाजपा के चौंकाने वाले नतीजे

अपने दम पर 370 का नारा देने वाली भाजपा को अपने पुराने सहयोगियों से उतना लाभ नहीं मिला जितना चुनाव से पहले एनडीए में शामिल हुए नए साथियों से मिला। पुराने साथी एनसीपी (अजित पवार) और शिवसेना (शिंदे) लाभप्रद साबित नहीं हुए, जबकि नए साथियों जदयू, टीडीपी, और लोजपा (आर) ने भाजपा को बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचाया।

नए साथी बने उद्धारकर्ता

चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने पांच दलों – जदयू, टीडीपी, लोजपा (आर), जनसेना पार्टी और रालोद को एनडीए में शामिल किया। जनवरी में नीतीश कुमार और मार्च में चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान, पवन कल्याण और जयंत चौधरी के साथ गठबंधन पर सहमति बनी। इन दलों ने संयुक्त रूप से 37 सीटें जीतीं, जिनकी बदौलत एनडीए बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर पाया।

पुराने सहयोगियों का प्रदर्शन

महाराष्ट्र में भाजपा को बड़ा झटका लगा। बीते चुनाव में सहयोगियों के सहारे प्रदेश की 48 में से 43 सीटें जीतने वाला एनडीए इस बार 19 पर ही अटक गया। शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) की कोशिशें निर्णायक सिद्ध नहीं हुईं।

उत्तर प्रदेश में झटका

सबसे अधिक 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में भाजपा को सिर्फ 33 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। पिछली बार की तुलना में पार्टी को 29 सीटों का नुकसान हुआ। राज्य में सपा को 37 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं।

अन्य राज्यों में प्रदर्शन

बिहार में भाजपा को पिछली बार की तुलना में पांच सीटों का नुकसान हुआ। हरियाणा में भी पांच सीटें गंवानी पड़ीं। पश्चिम बंगाल में पार्टी अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रही और उसका आंकड़ा घटकर 12 सीटों पर आ गया।

राजस्थान और अन्य राज्यों का योगदान

राजस्थान में भाजपा को 10 सीटों का नुकसान हुआ। पार्टी इस बार मात्र 14 सीटें ही हासिल कर सकी। मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने भाजपा को 200 का आंकड़ा पार कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली में भाजपा के खाते में पिछली बार की तरह सातों सीटें आई हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम भाजपा और एनडीए के लिए मिले-जुले रहे। जहां नए सहयोगियों ने भाजपा को सत्ता में बने रहने में मदद की, वहीं कुछ प्रमुख राज्यों में उसे नुकसान भी उठाना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और भविष्य में और अधिक मेहनत करने का संकल्प लिया।

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