सारण लोकसभा क्षेत्र से आरजेडी प्रत्याशी डॉ. रोहिणी आचार्य का नामांकन रद्द करने की मांग को लेकर पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने रिटर्निंग ऑफिसर पर रोहिणी के खिलाफ शिकायत को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है। बीजेपी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है।
क्या हैं आरोप?
बीजेपी ने सारण से आरजेडी प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के नामांकन पत्र और हलफनामे के खिलाफ शिकायत राज्य के मुख्य निर्वाचन आयोग और सारण के रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष की थी। शिकायत में कहा गया था कि रोहिणी आचार्य ने अपनी आय और चल संपत्ति को लेकर इनकम टैक्स रिटर्न के संबंध में हलफनामा पर गलत जानकारी दी है। अपने हलफनामा में रोहिणी ने अपनी आय के संबंध में निम्नलिखित विवरण प्रस्तुत किया है:
– वर्ष 2022-23: ₹3,16,360/-
– वर्ष 2021-22: ₹1,67,840/-
– वर्ष 2020-21: ₹4,030/-
– वर्ष 2019-20: ₹3,88,090/-
– वर्ष 2018-19: ₹3,89,033/-
सिंगापुर की आय का विवरण नहीं दिया
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रोहिणी आचार्य सिंगापुर में रहती हैं, लेकिन उन्होंने सिंगापुर की आय का विवरण नहीं दिया है। विदेश की आय का ब्योरा देना भी आवश्यक है। इसके अलावा, रोहिणी आचार्य ने अपने पता में 208, कौटिल्य नगर, एमपी/एमएलए कॉलोनी, पटना लिखा है, जबकि अचल संपत्ति के कॉलम में उन्होंने सिर्फ पटना के दानापुर में जमीन की चर्चा की है।
एनआरआई होने की घोषणा नहीं
रोहिणी आचार्य पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से सिंगापुर में रह रही हैं, लेकिन उन्होंने हलफनामे में यह घोषणा नहीं की है कि वह भारत की निवासी हैं। यह घोषणा करना भी आवश्यक है। उन्होंने एनआरआई (अनिवासी भारतीय) होने की घोषणा नहीं की है और पासपोर्ट के स्टेटस के संबंध में भी जानकारी नहीं दी है।
इस मामले को लेकर सारण के रिटर्निंग ऑफिसर को शिकायत दी गई थी। जब बीजेपी की शिकायत को रिटर्निंग ऑफिसर ने निरस्त कर दिया, तब इस मुद्दे को लेकर पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
अब देखना होगा कि हाई कोर्ट का इस पर क्या निर्णय आता है और रोहिणी आचार्य का नामांकन रद्द होता है या नहीं। यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है और आने वाले दिनों में इसके प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।