महाराष्ट्र की नई सरकार के गठन को लेकर लंबे समय से चली आ रही प्रतीक्षा आखिरकार खत्म होने वाली है। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार 2.0 का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को दक्षिण मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में आयोजित किया जाएगा। यह समारोह न केवल महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बल्कि पूरे देश के लिए खास होगा क्योंकि इसका आयोजन हिंदुत्व की थीम पर किया जा रहा है।
इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों सहित 22 राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रसिद्ध अभिनेता, उद्योगपति, साधु-संत, और जनता का विशाल जनसमूह शामिल होने वाला है।
चुनाव में मिली महायुति को भारी जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में 20 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें जनता ने बीजेपी नीत महायुति को पूर्ण बहुमत दिया। 23 नवंबर को मतगणना के नतीजे सामने आए, जिनमें बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर अपनी मजबूती साबित की। महायुति में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) को 57 और अजीत पवार की एनसीपी को 41 सीटों पर जीत हासिल हुई। कुल मिलाकर महायुति ने 230 सीटें जीतकर सरकार बनाने का रास्ता साफ कर दिया। वहीं, विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। मविआ में शामिल शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16, शरद पवार की एनसीपी को 10, और सपा को महज 2 सीटें ही मिलीं। विपक्ष का प्रदर्शन इतना कमजोर था कि वह 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया।
महायुति में मतभेद, फिर सुलझे विवाद
चुनाव परिणाम आने के बाद भी महायुति सरकार का गठन 11 दिनों तक अटका रहा। इसका मुख्य कारण था शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री पद और मंत्रालयों को लेकर मतभेद। शिंदे गुट मुख्यमंत्री पद की मांग कर रहा था, और जब यह संभव नहीं हुआ तो उन्होंने गृह मंत्रालय का दावेदार बनने की इच्छा जताई। हालांकि, बीजेपी इस पर सहमत नहीं हुई। कई दिनों तक चली रस्साकशी के बाद आखिरकार सभी पक्षों ने मतभेदों को सुलझा लिया। मंगलवार को महायुति में शामिल तीनों दलों के नेताओं ने आजाद मैदान में चल रही तैयारियों का संयुक्त निरीक्षण किया। इनमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, शिवसेना के गुलाब राव पाटिल, और एनसीपी के धनंजय मुंडे शामिल थे।
देवेंद्र फडणवीस बन सकते हैं मुख्यमंत्री
हालांकि शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां फडणवीस को मुख्यमंत्री मानकर चल रही हैं, लेकिन बीजेपी ने अभी आधिकारिक रूप से उनके नाम की घोषणा नहीं की है। बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विजय रूपाणी पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे। बैठक में फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना जाएगा और इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए औपचारिक रूप से नामित किया जाएगा।
भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां
आजाद मैदान में आयोजित होने वाला शपथ ग्रहण समारोह पूरी तरह से भव्य और ऐतिहासिक होगा। यह पहली बार है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण सार्वजनिक स्थान पर लोकोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। समारोह को पूरे राज्य में लाइव प्रसारित किया जाएगा। इसके लिए बस स्टॉप, सिनेमाघर, रेलवे स्टेशन, और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। शपथ ग्रहण समारोह में करीब 60,000 से 70,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है। इसमें 100 से ज्यादा साधु-संत, 10,000 लाडली बहनें, फिल्म और खेल जगत की हस्तियां, उद्योगपति, और राज्य के विभिन्न समुदायों के लोग उपस्थित रहेंगे। खास बात यह है कि अजय-अतुल, कैलाश खेर, और कन्हैया मित्तल जैसे कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
हिंदुत्व थीम पर आधारित होगा आयोजन
इस समारोह की खासियत इसका हिंदुत्व की थीम पर आधारित होना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देशभर से आए साधु-संत इस थीम को और मजबूती देंगे। “जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे” जैसे गीतों से माहौल को जीवंत बनाया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए देशभर की कई प्रमुख हस्तियों को निमंत्रण भेजा गया है। इनमें उद्धव ठाकरे, शरद पवार, गौतम अडानी, मुकेश अंबानी, और अन्य उद्योगपति शामिल हैं। इसके अलावा, फिल्म और खेल जगत के प्रमुख लोग, पेशेवर वर्ग जैसे डॉक्टर, सीए, और सरकारी अधिकारी भी आमंत्रित हैं।
नए युग की शुरुआत
महाराष्ट्र की नई सरकार का यह शपथ ग्रहण समारोह केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह राज्य की जनता के लिए एक उत्सव होगा। हिंदुत्व की थीम पर आधारित यह आयोजन राज्य के सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव को प्रदर्शित करेगा। यह न केवल राज्य में स्थिरता और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को उजागर करेगा। इस समारोह के जरिए महाराष्ट्र की नई सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने और राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। महाराष्ट्र का यह लोकोत्सव केवल शपथ ग्रहण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह राज्य के लोगों के लिए एक नई ऊर्जा और विश्वास का प्रतीक बनेगा।