जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता **फारूक अब्दुल्ला** ने हाल ही में आतंकियों द्वारा किए गए कायराना हमले के बाद पाकिस्तान पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने पाकिस्तान के हुक्मरानों को चेतावनी दी कि कश्मीर कभी पाकिस्तान नहीं बनेगा। उनकी यह टिप्पणी उस समय आई जब आतंकवादियों ने गांदरबल में एक सड़कीय निर्माण स्थल पर हमला किया, जिसमें एक डॉक्टर और 6 मजदूरों की जान चली गई।

आतंकियों की कायराना हरकत

फारूक अब्दुल्ला ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “यह एक बहुत ही दर्दनाक घटना है। गरीब मजदूरों को दरिंदों ने शहीद कर दिया। एक डॉक्टर साहब भी जान गंवा बैठे। ऐसे आतंकी क्या समझते हैं? क्या वे यह सोचते हैं कि कश्मीर पाकिस्तान बनेगा?” उन्होंने इस कायराना हरकत को बेगुनाह लोगों पर हमला करार दिया और कहा कि इसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।

पाकिस्तान को दी चुनौती

उन्होंने आगे कहा, “मैं पाकिस्तान के हुक्मरानों से कहना चाहता हूं कि अगर वे भारत से दोस्ती चाहते हैं तो उन्हें ये सब बंद करना होगा। कश्मीर कभी पाकिस्तान नहीं बनेगा। यह सब खत्म होना चाहिए।” अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपने देश की ओर ध्यान देना चाहिए और तरक्की की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

75 साल का इतिहास

फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के नेतृत्व को याद दिलाते हुए कहा, “जब 75 साल में पाकिस्तान नहीं बना, तो अब वह कैसे बनेगा? कब तक आप लोगों को मुश्किलों में डालते रहेंगे?” उनका यह बयान उस ऐतिहासिक संदर्भ में है जब 1947 में पाकिस्तान की स्थापना के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है।

शांति और तरक्की की अपील

उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि अल्लाह के वास्ते अपने मुल्क की तरफ ध्यान दें और तरक्की की दिशा में बढ़ें। “हमें खुदा के पास छोड़ दीजिए। हम मुसीबतों से निकलना चाहते हैं, हम गरीबी और बेरोजगारी से मुक्ति चाहते हैं।” अब्दुल्ला ने यह स्पष्ट किया कि कश्मीरियों को शांति और विकास की आवश्यकता है और इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

हमला कब हुआ?

रविवार, 20 अक्टूबर को, जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों ने हमला किया। इस हमले में एक डॉक्टर और 6 मजदूरों की जान गई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि अज्ञात आतंकवादियों ने तब हमला किया जब मजदूर और अन्य कर्मचारी अपने शिविर में लौट रहे थे। यह घटना कश्मीर में आतंकवाद के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है और इसने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर एक बार फिर से सवाल उठाए हैं।

स्थानीय प्रतिक्रिया

फारूक अब्दुल्ला के बयान के बाद, जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने आतंकवादियों की इस प्रकार की गतिविधियों को कश्मीर के विकास के लिए एक बड़ी बाधा बताया। स्थानीय समुदाय में गहरी चिंता है कि इस प्रकार के हमले न केवल जान-माल का नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि क्षेत्र की शांति और स्थिरता को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।

फारूक अब्दुल्ला…

फारूक अब्दुल्ला का यह बयान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कश्मीर की राजनीति में आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर किस तरह का दृष्टिकोण है। उनके शब्दों में केवल गुस्सा ही नहीं, बल्कि एक गहरी चिंता भी है कि आतंकवाद के कारण कश्मीर की पहचान और विकास को खतरा है। यह वक्त का तकाजा है कि न केवल पाकिस्तान को अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि इस्लामाबाद को यह भी समझना चाहिए कि कश्मीरियों को शांति और विकास का हक है, जो उन्हें आतंकवाद के दुष्चक्र से बाहर निकाल सके।

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