डॉ. ओम शंकर के समर्थन में आगे आओ! निःशुल्क सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सा को मौलिक अधिकार बनाने के लिए संघर्ष करो!

गोरखपुर, 28 मई। बीएचयू के हृदय रोग विभाग के डॉ. ओम शंकर 11 मई से बीएचयू में मरीजों को बिस्तर दिलवाने, बीएचयू प्रशासन के भ्रष्टाचार के खिलाफ और चिकित्सा को मौलिक अधिकार बनाने के लिए आमरण अनशन पर हैं। उनके समर्थन में आज दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा के संयुक्त तत्वावधान में बेतियाहाता भगतसिंह चौराहा पर प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शन के दौरान अंजली ने बताया कि पिछले दो सालों से हृदय रोग विभाग के 41 बेडों पर ताला लगा हुआ था और बेड के अभाव में मरीजों को बाहर प्राइवेट अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा था। मार्च में डॉ. ओम शंकर के ही आमरण अनशन का परिणाम था कि उन बेडों को तुरंत ही हृदय रोग विभाग को देने का आदेश दिया गया, लेकिन बीएचयू के अधीक्षक ने इस आदेश के खिलाफ इन बेडों को दूसरे विभाग को आवंटित कर दिया। इसी तरह हृदय रोग विभाग को आवंटित सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग के चौथे तल और पांचवे तल के आधे हिस्से को अभी तक खोला नहीं गया है। बीएचयू प्रशासन ने इन मुद्दों पर कोई कार्रवाई करने की बजाय तानाशाहीपूर्ण रवैया दिखाते हुए डॉ. ओम शंकर को विभागाध्यक्ष पद से हटा दिया।

गौरतलब है कि बीएचयू में बिहार और उत्तर प्रदेश की एक बहुत बड़ी आबादी अपना इलाज कराने आती है, लेकिन उन्हें इलाज के नाम पर लंबी-लंबी कतारों का सामना करना पड़ता है। स्थिति यह है कि गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को भी घंटों लाइनों में लगने के बाद डॉक्टरों के दर्शन होते हैं, जांच के लिए हफ्तों से लेकर महीनों इंतजार करना पड़ता है। यह स्थिति उस शहर की है जहां प्रधानमंत्री मोदी ने विकास की गंगा बहा देने और बनारस को टोक्यो बना देने का वादा किया था। आज एक तरफ जब डॉ. ओम शंकर इन बुनियादी समस्याओं को लेकर अनशन पर हैं, तो दूसरी ओर इसी शहर में चुनाव प्रचार करते हुए भाजपा नेता और प्रधानमंत्री मोदी इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

धर्मराज ने कहा कि बीएचयू की ही तरह पूरे देश में चिकित्सा का तंत्र बहुत बदहाल स्थिति में है। इसी साल 1 अप्रैल से 800 जरूरी दवाओं के दामों में 12 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है। दो साल पहले 2022 में भी ऐसी दवाओं की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी। वास्तव में स्वास्थ्य का अधिकार न होने पर जीवन जीने के बुनियादी अधिकार का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। आज देश की आम स्थिति यह है कि देश की बड़ी आबादी पैसे के अभाव में उन बीमारियों का शिकार होकर दम तोड़ देती है जिनका इलाज दशकों पहले खोजा जा चुका है। ऐसे में हम यह मांग करते हैं:

  1. बीएचयू में संघर्षरत डॉक्टर ओम शंकर की सभी मांगों को तत्काल पूरा किया जाए।
  2. स्वास्थ्य के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए।
  3. सरकार निशुल्क सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल की गारंटी करे, जिसके तहत हर व्यक्ति के चिकित्सा व दवा इलाज सरकार की जिम्मेदारी हो।
  4. पूरे देश भर में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के खाली पदों को भरा जाए और प्रत्येक 1000 की आबादी पर 1 डॉक्टर के अनुपात को सुनिश्चित किया जाए।

प्रदर्शन में दीपक, धर्मराज, सुरेश, मुकेश, माया, पलक, पुष्पांजलि, आकृति, शेषनाथ आदि शामिल रहे।

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