कानपुर में जिम ट्रेनर विमल सोनी ने एक व्यवसायी की पत्नी एकता की हत्या कर दी, और इस कांड की पूरी कहानी एक फिल्म ‘दृश्यम’ की तरह है। विमल ने अपने योजना के तहत एकता का शव डीएम आवास के पास स्थित ऑफिसर्स क्लब में गड्ढा खोदकर दफनाया। यह सब कुछ विमल की रणनीति के तहत हुआ, जिसने सोच रखा था कि पुलिस कभी भी इस हाई सिक्योरिटी क्षेत्र में हत्या के बाद शव छिपाने की सोच भी नहीं सकेगी।
हत्या की पृष्ठभूमि
विमल ने अपने बयान में कहा कि एकता के साथ उसके अफेयर के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। एकता ने विमल को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी और से शादी की, तो उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर देगी। विमल ने बताया कि जब उसकी शादी तय हुई, तब एकता की नाराजगी और बढ़ गई। उसने कहा, “अगर मैं एकता मैम को नहीं मारता तो वो मुझे जीने नहीं देती।”
एकता को मारने की योजना
विमल ने हत्या को अंजाम देने के लिए एक योजना बनाई। उसने एकता को एनर्जी ड्रिंक में नशीली गोलियां मिलाकर पिलाई ताकि वह कमजोर हो जाए। फिर उसने एकता को गाड़ी में बैठने के लिए कहा, जहां उसे पीछे से मारा। काली फिल्म लगी गाड़ी के कारण कोई भी उनकी गतिविधियों को देख नहीं सका।
शव को दफनाने की प्रक्रिया
विमल ने 24 जून को एकता की हत्या करने के बाद, डीएम कैंपस में जाकर एक गड्ढा खोदकर शव को दफनाया। यह गड्ढा वह पिछले एक पखवाड़े से खोद रहा था। पुलिस की जांच में पता चला कि विमल ने पहले से इस गड्ढे को तैयार किया था ताकि वह किसी भी प्रकार की शंका से बच सके। उसने 10 फीट गहरा गड्ढा खोदा और शव को उसमें डालकर मिट्टी भर दी। इस प्रक्रिया को उसने ऐसे अंजाम दिया कि वहां कोई भी शक न कर सके। अपने काम को छिपाने के लिए उसने गड्ढे पर कचरा भी डाल दिया।
शव दफनाने के बाद की गतिविधियाँ
विमल ने हत्या के बाद एकता का जिम बैग गंगा में फेंक दिया और उसके मोबाइल को तोड़कर सिम और ट्रे को निकाल लिया। फिर उसने अपने कार के डैशबोर्ड में रखा। उसके बाद, वह ऑफिसर्स क्लब में लौट आया और वहां किसी को भी शक न हो, इसके लिए मिट्टी और कचरा डालकर जगह को पहले जैसी स्थिति में ला दिया।
घटना का खुलासा
चार महीने बाद जब शव की पहचान हुई, तो पुलिस ने ऑफिसर्स क्लब से कंकाल को बरामद किया। पकड़े जाने के बाद विमल ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन अंततः उसने सच उगल दिया। उसकी कहानी सुनकर सभी चौंक गए कि कैसे एक सामान्य सी स्थिति ने हत्या का रूप ले लिया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने हत्या में उपयोग की गई कार, रस्सी, और अन्य सबूतों को बरामद किया है। पुलिस ने बताया कि शव दफनाने के लिए जो फावड़ा इस्तेमाल किया गया था, वह भी बरामद किया गया है। इसके साथ ही, विमल को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे जेल भेज दिया गया। विमल के परिवार वालों ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली। विमल की भाभी ने बताया कि उसे एक सप्ताह पहले विमल का फोन आया था, जिसमें उसने सरेंडर करने की इच्छा जताई थी। परिवार इस घटना के कारण सन्न रह गया और अपने आप को घरों में कैद कर लिया।
कानपुर का यह मामला न केवल एक हत्या की कहानी है, बल्कि यह हमारे समाज में व्याप्त कई मुद्दों को भी उजागर करता है। तनाव, प्रेम संबंधों की जटिलताएं, और अंततः हत्या की वजह बनती हैं। विमल की योजना ने साबित कर दिया कि कभी-कभी फिल्में भी वास्तविकता की झलक दिखाती हैं, लेकिन सच्चाई इससे कहीं अधिक भयानक होती है। पुलिस की कार्रवाई और अदालत की प्रक्रिया अब यह तय करेगी कि विमल को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी या नहीं। इस मामले ने कानपुर के लोगों को एक गहरी सोच में डाल दिया है कि क्या ऐसी घटनाएँ समाज में सामान्य होती जा रही हैं।